चागोस द्वीप समूह 50 से अधिक वर्षों से लंदन और पोर्ट लुइस के बीच विवाद का एक मुद्दा बना हुआ है।
मंगलवार को जयशंकर ने मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुईस में कहा कि भारत मॉरीशस की प्रगति और समृद्धि की दिशा में “निरंतर और सतत” समर्थन की पुष्टि करता है।
उन्होंने कहा कि चागोस के मुद्दे पर भारत राष्ट्रों की अखंडता और उपनिवेशवाद के उम्मूलन के संदर्भ में लगातार मॉरीशस को समर्थन जारी रखेगा।
जयशंकर विशेष द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के मकसद से मॉरीशस के नेतृत्व के साथ “सार्थक बातचीत” के लिए दो दिवसीय पोर्ट लुईस की यात्रा पर हैं।
इस दौरान उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के वास्ते देश के नेतृत्व के साथ व्यापक वार्ता की।
उन्होंने ब्रिटेन द्वारा मॉरीशस के क्षेत्र चागोस द्वीपसमूह पर कब्जा करने के मुद्दे पर भारत के समर्थन की पुष्टि की। इस कदम की मॉरीशस ने सराहना की है।
जयशंकर ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ के साथ एक कार्यक्रम में कहा, "प्रधानमंत्री जी, जैसा कि हम अपने गहरे और स्थायी संबंधों को देखते हैं,
मैं आज आपको फिर से आश्वस्त करना चाहूंगा कि चागोस के मुद्दे पर भारत उपनिवेशवाद के उन्मूलन और राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए अपने मुख्य रुख के अनुरूप मॉरीशस को अपना निरंतर समर्थन जारी रखेगा।"