उन्होंने कहा है कि इन पार्टियों की वजह से ही पाकिस्तानी आतंकवादी कश्मीर में घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने आतंकी नेताओं को तैयार किया ताकि वह चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सके।
एएनआई ने डीजीपी के हवाले से बताया, 'घाटी में तथाकथित मुख्यधारा या क्षेत्रीय राजनीति की बदौलत पाकिस्तान कश्मीर में घुसपैठ कर पाया।
यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि कई लोगों ने खरगोश के साथ दौड़ने और भेड़ियों के साथ शिकार करने की कला सीख ली थी, जिससे आम आदमी और सुरक्षाबल दोनों ही डर गए थे और भ्रमित हो गए थे।'
बातचीत के दौरान स्वैन ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए आतंकवादियों के घर जाना और सार्वजनिक रूप से उनके प्रति सहानुभूति व्यक्त करना इन लोगों के लिए आम बात है।
उन्होंने कहा, "आतंकवाद में नए लोगों को शामिल करने की इजाजत दी गई और उसे प्रोत्साहित भी किया गया, लेकिन भर्ती में मदद करने वालों और वित्तीय व्यवस्था करने वालों की कभी जांच नहीं की गई।
एसपी रैंक के अधिकारियों को आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया, जबकि उन्होंने कभी कोई अपराध नहीं किया था।"
डीजीपी ने 2014 में त्राल में एक कुएं में डूबकर दो लड़कियों की मौत का जिक्र करते हुए कहा, "2014 में दो लड़कियों की डूबने से हुई मौत को आतंकवादियों द्वारा अपहरण का नाम दिया गया जिसके बाद घाटी में हड़ताल और दंगे भी हुए।